शिव पुराण के पीछे यह विज्ञान है कि अगर आप शिव पुराण की कथाओं की तरफ ध्यान दें, तो आप देखेंगे कि इनमें मूल विचार के सिद्धांत, प्रमात्रा यांत्रिकी के सिद्धांत व समस्त आधुनिक भौतिकी को बहुत खूबसूरती से कथाओं के माध्यम, से अभिव्यक्त किया गया है।
यह एक तार्किक संस्कृति का उदाहरण है जहां विज्ञान को कथाओं के जरिये प्रस्तुत किया गया था। हर चीज को साकार रूप दिया गया था। परंतु बाद में जाकर लोगों ने विज्ञान को ही छोड़ दिया और बस कहानियों को बोलते रहे। उन कहानियों का पीढ़ी दर पीढ़ी इस तरह व्याख्यान किया जाता रहा, कि वे पूरी तरह विश्वसनीय नहीं लगने लगीं। अगर हम उन कथाओं में से विज्ञान का अध्ययन करें, तो यह विज्ञान को अभिव्यक्त करने का एक खूबसूरत तरीका बन सकता है।
शिव पुराण मानव प्रकृति को चेतना के चरम तक ले जाने का सर्वोच्च विज्ञान है, जिसका वर्णन अत्यंत ही खूबसूरत तरीके से कहानियों द्वारा किया गया है। योग को एक विज्ञान के रूप में व्यक्त किया गया है, जिसमें कहानियां नहीं हैं, लेकिन अगर आप गहन अर्थों में उस पर ध्यान दें, तो योग और शिव पुराण को अलग नहीं किया जा सकता। एक उनके लिए है, जो कहानियां पसंद करते हैं तो दूसरा उनके लिए है, जो हर चीज को विज्ञान की नजर से देखना चाहते हैं, मगर दोनों के लिए मूलभूत तत्व एक ही हैं।
आजकल वैज्ञानिक आधुनिक शिक्षा के माध्यमों पर बहुत ज्यादा शोध कर रहे हैं। इस चीज पर बहुत ध्यान दिया जा रहा कि अगर कोई बच्चा कई सालों की औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद व्यावहारिक दुनिया में प्रवेश करता है, तो उसकी समझ का एक काफी बड़ा हिस्सा नष्ट हो जाता है तथा जिसे वापस ठीक नहीं कर सकते। इसका तात्पर्य यह हुआ कि इतना ज्ञान प्राप्त करने वाला बहुत बड़े ज्ञानी की जगह नासमझ में बदल जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शिक्षा देने का एक सबसे बेहतर तरीका यह है कि उसे कहानियों या नाटक के रूप में प्रदान करना। इस दिशा में थोड़ी-बहुत कोशिश की गई है, मगर दुनिया में ज्यादातर शिक्षा काफी हद तक नकारात्मक ही रही है। जानकारी का विशाल भंडार आपकी बुद्धि को दबा देता है, जब तक कि वह एक खास रूप में आपको न दिया जाए। इतने शोधों के बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि कहानी के रूप में शिक्षा प्रदान करना एक बेहतरीन तरीका साबित होगा। हिन्दू संस्कृति के शिव पुराण में यही किया गया था। विज्ञान के सर्वोच्च आयामों को बहुत बढ़िया कहानियों के रूप में दूसरे लोगों को सौंपा गया था ।