श्रोताओं द्वारा पालन किए जाने वाले नियम – सातवां अध्याय

सूत जी बोले - शौनक ! शिव पुराण सुनने का व्रत लेने वाले पुरुषों के लिए जो नियम हैं, उन्हें भक्ति पूर्वक सुनो। शिव पुराण की पुण्यमयी कथा नियमपूर्वक सुनने…

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शिव पुराण के श्रवण की विधि – छठा अध्याय

शौनक जी कहते हैं - महाप्राज्ञ सूत जी ! आप धन्य एवं शिवभक्तों में श्रेष्ठ हैं। हम पर कृपा कर हमें कल्याणमय शिव पुराण के श्रवण की विधि बताइए, जिससे…

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बिंदुग का पिशाच योनि से उद्धार – पांचवां अध्याय

सूत जी बोले- शौनक ! एक दिन चंचुला आनंद में मग्न उमा देवी के पास गई और दोनों हाथ जोड़कर उनकी स्तुति करने लगी।चंचुला बोली - हे गिरिराजनंदिनी ! स्कंदमाता,…

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चंचुला की शिव कथा सुनने में रुचि और शिवलोक गमन – चौथा अध्याय

ब्राह्मण बोले- नारी तुम सौभाग्यशाली हो, जो भगवान शंकर की कृपा से तुमने वैराग्यपूर्ण शिव पुराण की कथा सुनकर समय से अपनी गलती का एहसास कर लिया है। तुम डरो…

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बिंदुग ब्राह्मण की कथा – तीसरा अध्याय

श्री सूत जी बोले - शौनक ! सुनो, मैं तुम्हारे सामने एक अन्य गोपनीय कथा का वर्णन करूंगा, क्योंकि तुम शिव भक्तों में अग्रगण्य व वेदवेत्ताओं में श्रेष्ठ हो ।…

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देवराज को शिवलोक की प्राप्ति – दूसरा अध्याय

श्री शौनक जी ने कहा - आप धन्य हैं, सूत जी ! आप परमार्थ तत्व के ज्ञाता हैं। आपने हम पर कृपा करके हमें यह अद्भुत और दिव्य कथा सुनाई…

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सूत जी द्वारा शिव पुराण की महिमा का वर्णन – पहला अध्याय

श्री शौनक जी ने पूछा - महाज्ञानी सूत जी, आप संपूर्ण सिद्धांतों के ज्ञाता हैं। कृपया मुझसे पुराणों के सार का वर्णन करें। ज्ञान और वैराग्य सहित भक्ति से प्राप्त…

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