भगवान शिव की आरती औऱ भजन से आप सावन के महीने में भोलेनाथ को जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं। ओम जय शिव ओमकारा में भगवान शिव की शक्ति और परब्रह्म स्वरूप का बोध होता है। इस देवाराधन से शिवजी अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। इसलिए भक्तों के मन में इस आरती को लेकर गहरी आस्था है। आप भी हर दिन और सावन सोमवार और शिवरात्रि के अवसर पर शिवजी की इस स्तुति का गायन कीजिए और भगवान शिवजी को प्रसन्न कीजिए।
भगवान शिव की आरती
ॐ जय शिव ओंकारा……
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे |
हंसासंन ,गरुड़ासन ,वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें |
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
अक्षमाला ,बनमाला ,रुण्ड़मालाधारी |
चंदन , मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें
सनकादिक, ब्रम्हादिक ,भूतादिक संगें
ॐ जय शिव ओंकारा……
कर के मध्य कमड़ंल चक्र ,त्रिशूल धरता |
जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी |
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें |
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…..
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा…..
श्री रामचरितमानस का रुद्राष्टकम – भगवान शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिये – मणिमहेश
भगवान शिव की यात्रा व गाथाओं के लिए फेस्बूक प्रष्ठ का अनुसरण करें