पुराणों के अनुसार शिवजी की आराधना से मनुष्य की सारी मनोकामना पूरी होती है। शिवलिंग पर मात्र जल चढ़ाने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करने वाला प्राणी सबसे खुशनसीब है।
शिवपुराण कथा में बारह ज्योतिर्लिंग के वर्णन की महिमा बताई गई है। ये 12 ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुनम्, वैद्यनाथम्, केदारनाथम्, सोमनाथम्, भीमशंकरम्, नागेश्वरम्, विश्वेश्वरम्, त्र्यंम्बकेश्वर, रामेश्वर, घृष्णेश्वरम्, ममलेश्वर व महाकालेश्वरम है। किस्मत वाले लोग ही देश भर में स्थित इन ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कर पाते हैं।
देश के 12 विभिन्न स्थानों पर स्थित शिव के 12 ज्योतिर्लिंग भी हमारी राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध हुए हैं। इन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा से हमें हमारे विशाल देश की एक झलक देखने का अवसर मिलता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री शिवशंकर ने हमारे देश के जिन 12 स्थानों पर अवतार लेकर अपने भक्तों को वरदान दिया, वहां पर इन ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई।
- सोमनाथ
यह शिवलिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है। - श्री शैल मल्लिकार्जुन
मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थातिप है श्री शैल मल्लिकार्जुन शिवलिंग। - बैजनाथ
बिहार के बैद्यनाथ धाम में स्थापित शिवलिंग। - महाकाल
उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित महाकालेश्वर शिवलिंग, जहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था। - ओंकारेश्वर ममलेश्वर
मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर में नर्मदा तट पर पर्वतराज विंध्य की कठोर तपस्या से खुश होकर वरदाने देने हुए यहां प्रकट हुए थे शिवजी। जहां ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित हो गया। - नागेश्वर
गुजरात के द्वारकाधाम के निकट स्थापित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग। - भीमशंकर
महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थापित भीमशंकर ज्योतिर्लिंग। - रामेश्वरम्
त्रिचनापल्ली (मद्रास) समुद्र तट पर भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग। - विश्वनाथ
बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग। - केदारनाथ
हिमालय का दुर्गम केदारनाथ ज्योतिर्लिंग। हरिद्वार से 150 पर मिल दूरी पर स्थित है। - त्र्यंम्बकेश्वर
नासिक (महाराष्ट्र) से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंम्बकेश्वर में स्थापित ज्योतिर्लिंग। - घुमेश्वर
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के समीप वेसल गांव में स्थापित घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग।