नारद जी का भगवान विष्णु को शाप देना – चौथा अध्याय
ऋषि बोले - हे सूत जी ! रुद्रगणों के चले जाने पर नारद जी ने क्या किया और वे कहां गए? इस सबके बारे में भी हमें बताइए ।सूत जी…
“शिव पुराण” का “श्री रुद्र संहिता – प्रथम खंड” इस महत्वपूर्ण ग्रंथ के पांच खंडों में से एक है। इसमें भगवान शिव की कथाओं और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है। शिव पुराण भारतीय वैदिक साहित्य का एक प्रमुख अंग है और इसे हिन्दू धर्म में बहुत उच्च स्थान प्राप्त है।
प्रथम खंड में मुख्यतः भगवान शिव की उत्पत्ति, उनके विभिन्न रूपों, उनकी शक्तियों और उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का विस्तार से वर्णन होता है।
ऋषि बोले - हे सूत जी ! रुद्रगणों के चले जाने पर नारद जी ने क्या किया और वे कहां गए? इस सबके बारे में भी हमें बताइए ।सूत जी…
सूत जी बोले - महर्षियो ! नारद जी के चले जाने पर शिवजी की इच्छा से विष्णु भगवान ने एक अद्भुत माया रची। उन्होंने जिस ओर नारद जी जा रहे…
सूत जी बोले- हे ऋषियो ! एक समय की बात है। ब्रह्मा पुत्र नारद जी हिमालय पर्वत की एक गुफा में बहुत दिनों से तपस्या कर रहे थे। उन्होंने दृढ़तापूर्वक…
जो विश्व की उत्पत्ति, स्थिति और लय आदि के एकमात्र कारण हैं, गिरिराजकुमारी उमा के पति हैं, जिनकी कीर्ति का कहीं अंत नहीं है, जो माया के आश्रय होकर भी…