शिव बिल्वाष्टकम् स्तोत्र से बेलपत्र का अर्पण कर के भगवान शिव की पूजा करते हुए मनुष्य अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकता है व अपने पापों से मुक्ति पा सकता है
बिल्वपत्र व बेलपत्र – जो तीन दलों अर्थात् तीन पत्तियों से युक्त होती है,और जो तीन गुणों सत् , रज़, तम्
को दर्शाती है वह बिल्वपत्र (बेलपत्र) कहलाता है। ऐसे बिल्वपत्र से आसुतोष भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य पापों से छूटकर शिव को पाता है ।
शिव बिल्वाष्टकम् स्तोत्र
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्
त्रिजन्मपाप संहारं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
अखण्ड बिल्व पात्रेण पूजिते नन्दिकेश्र्वरे
शुद्ध्यन्ति सर्वपापेभ्यो एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
शालिग्राम शिलामेकां विप्राणां जातु चार्पयेत्
सोमयज्ञ महापुण्यं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
दन्तिकोटि सहस्राणि वाजपेय शतानि च
कोटि कन्या महादानं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
लक्ष्म्या स्तनुत उत्पन्नं महादेवस्य च प्रियम्
बिल्ववृक्षं प्रयच्छामि एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
दर्शनं बिल्ववृक्षस्य स्पर्शनं पापनाशनम्
अघोरपापसंहारं एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
काशीक्षेत्र निवासं च कालभैरव दर्शनम्
प्रयागमाधवं दृष्ट्वा एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे
अग्रतः शिवरूपाय एक बिल्वं शिवार्पणम् ॥
हिन्दी मे अर्थ
तीन दलवाला ,सत्त्व,रज एवं तमःस्वरूप,सूर्य,चन्द्र तथा अग्नि-त्रिनेत्रस्वरूप और आयुधत्रय स्वरूप ,तथा तीनोजन्मो के पापो को नष्ट करने वाला बिल्वपत्र मै भगवान शिव के लिये समर्पित करता हूँ।
छिद्र रहित ,सुकोमल, तीन पत्ते वाले ,मंगल प्रदान करने वाले बिल्वपत्र से मैं भगवान शिव की पूजा करूंगा। यह बेलपत्र शिव को समर्पित करता हूं।
अखंड बिल्व पत्र से नंदीकेश्वर भगवान की पूजा करने पर मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर शुद्ध हो जाते हैं। मैं बिल्वपत्र शिव को समर्पित करता हूं।
मेरे द्वारा किया गया भगवान शिव को यह बिल्वपत्र का समर्पण ,कदाचित ब्राह्मणों को शालिग्राम की शिला के समान तथा सोम यज्ञ के अनुष्ठान के समान महान पुण्य शाली हो। अतः मैं बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित करता हूं।
मेरे द्वारा किया गया भगवान शिव को यह बिल्वपत्र का समर्पण ,हजारों करोड़ गजदान, सैकड़ों वाजपेय यज्ञ के अनुष्ठान तथा करोड़ों कन्याओं के महादान के समान हो। अतः मैं बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित करता हूं।
विष्णु -प्रिया भगवती लक्ष्मी के वक्षः स्थल से प्रादुर्भूत तथा महादेव जी के अत्यंत प्रिय बिल्व को मैं समर्पित करता हूं। यह बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित है।
बिल्ववृक्ष का दर्शन और उसका स्पर्श समस्त पापों को नष्ट करने वाला तथा शिव अपराध का संहार करने वाला है। यह बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित है।
बिल्व पत्र का मूल भाग ब्रह्म रूप, मध्य भाग विष्णु रूप एवं अग्रभाग शिव रूप है, ऐसा बिल्वपत्र भगवान शिव को समर्पित है।
शिव रुद्राष्टकम Shiv Rudrashtakam – भगवान शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिये