महाशिवरात्रि 2025: पंचक्रोशी परिक्रमा का रहस्य, जिसे स्वयं भगवान श्रीराम ने किया था प्रारंभ

महाशिवरात्रि 2025 (Mahashivratri 2025) एक पावन पर्व है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। मान्यता है कि…

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कुंभ मेला: आयोजन का उद्देश्य और इतिहास

कुंभ मेला भारत के सबसे बड़े और सबसे पवित्र धार्मिक मेलों में से एक है। यह मेला हर बार एक विशेष समय पर आयोजित होता है जब ग्रहों और नक्षत्रों…

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ब्राह्मण वेष में पार्वती के घर जाना – तीसवां अध्याय

्रह्माजी बोले ;- हे नारद! गिरिराज हिमालय और देवी मैना के मन में भगवान शिव के प्रति भक्ति भाव देखकर सभी देवता आपस में विचार-विमर्श करने लगे। तब देवताओं के…

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शिवजी द्वारा हिमालय से पार्वती को मांगना – उनतीसवां अध्याय

ब्रह्माजी बोले ;- हे महामुनि नारद! भगवान शिव के वहां से अंतर्धान हो जाने के उपरांत देवी पार्वती भी अपनी सखियों के साथ प्रसन्नतापूर्वक अपने पिता के घर की ओर…

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शिव-पार्वती संवाद – अट्ठाईसवां अध्याय

ब्रह्माजी कहते हैं ;— नारद! परमेश्वर भगवान शिव की बातें सुनकर और उनके साक्षात स्वरूप का दर्शन पाकर देवी पार्वती को बहुत हर्ष हुआ। उनका मुख मंडल प्रसन्नता के कारण…

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पार्वती जी का क्रोध से ब्राह्मण को फटकारना – सत्ताईसवां अध्याय

पार्वती बोलीं ;- हे ब्राह्मण देवता! मैं तो आपको परमज्ञानी महात्मा समझ रही थी परंतु आपका भेद मेरे सामने पूर्णतः खुल चुका है। आपने शिवजी के विषय में मुझे जो…

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पार्वती को शिवजी से दूर रहने का आदेश – छब्बीसवां अध्याय

पार्वती बोलीं ;- हे जटाधारी मुनि! मेरी सखी ने जो कुछ भी आपको बताया है, वह बिलकुल सत्य है। मैंने मन, वाणी और क्रिया से भगवान शिव को ही पति…

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शिवजी द्वारा पार्वती जी की तपस्या की परीक्षा करना – पच्चीसवां अध्याय

्रह्माजी बोले ;- हे मुनिश्रेष्ठ नारद! सप्तऋषियों ने पार्वती जी के आश्रम से आकर त्रिलोकीनाथ भगवान शिव को वहां का सारा वृत्तांत सुनाया। सप्तऋषियों के अपने लोक चले जाने के…

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सप्तऋषियों द्वारा पार्वती की परीक्षा – चौबीसवां अध्याय

ब्रह्माजी कहते हैं ;— देवताओं के अपने-अपने निवास पर लौट जाने के उपरांत भगवान शिव पार्वती की तपस्या की परीक्षा लेने के विषय में सोचने लगे। वे अपने परात्पर, माया…

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शिव से विवाह करने का अनुरोध – तेईसवां अध्याय

ब्रह्माजी कहते हैं ;— हे नारद! देवताओं ने वहां पहुंचकर भगवान शिव को प्रणाम करके उनकी स्तुति की। वहां उपस्थित नंदीश्वर भगवान शिव से बोले ;- प्रभु! देवता और मुनि…

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देवताओं का शिवजी के पास जाना – बाईसवां अध्याय

रह्माजी कहते हैं ;— मुनिश्वर! भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए पार्वती को तपस्या करते-करते अनेक वर्ष बीत गए। परंतु भगवान शिव ने उन्हें वरदान तो…

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पार्वती की तपस्या – इक्कीसवां अध्याय

्रह्माजी बोले ;- हे देवर्षि नारद! जब तुम पंचाक्षर मंत्र का उपदेश देकर उनके घर से चले आए तो देवी पार्वती मन ही मन बहुत प्रसन्न हुईं क्योंकि उन्हें महादेव…

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महाकुंभ मेला 2025: प्रारंभ तिथि, कुंभ मेला के प्रकार, वेबसाइट, टेंट बुकिंग और अन्य जानकारी

महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा, जिसमें अनुमानित 40 करोड़ (400 मिलियन) श्रद्धालु भाग लेंगे। यह विशाल धार्मिक समागम दुनिया का…

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शिवजी के बिछोह से पार्वती का शोक – बीसवां अध्याय

्रह्माजी कहते हैं ;— नारद! जब भगवान शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोलकर उसकी अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया तब मैंने उस क्रोधाग्नि से भयभीत देवताओं सहित सभी…

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ॐ शिव क्रोधाग्नि की शांति – उन्नीसवां अध्याय

्रह्माजी बोले ;– हे नारद जी ! जब भगवान शंकर ने अपना तीसरा नेत्र खोलकर उसकी अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया तो इस त्रिलोक के सभी चराचर जीव…

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कामदेव का भस्म होना – अठारहवां अध्याय

रह्माजी बोले ;– हे मुनि नारद! कामदेव अपनी पत्नी रति और वसंत ऋतु को अपने साथ लेकर हिमालय पर्वत पर पहुंचे जहां त्रिलोकीनाथ भगवान शिव शंकर तपस्या में मग्न बैठे…

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