दक्ष द्वारा मैथुनी सृष्टि का आरंभ – तेरहवां अध्याय

ब्रह्माजी कहते हैं: हे नारद! प्रजापति दक्ष देवी का वरदान पाकर अपने आश्रम में लौट आए। मेरी आज्ञा पाकर प्रजापति दक्ष मानसिक सृष्टि की रचना करने लगे परंतु फिर भी…

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दक्ष की तपस्या – बारहवां अध्याय

नारद जी ने पूछा: हे ब्रह्माजी! उत्तम व्रत का पालन करने वाले प्रजापति दक्ष ने तपस्या करके देवी से कौन-सा वरदान प्राप्त किया? और वे किस प्रकार दक्ष की कन्या…

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ब्रह्माजी की काली देवी से प्रार्थना – ग्यारहवां अध्याय

नारद जी बोले: पूज्य पिताजी! विष्णुजी के वहां से चले जाने पर क्या हुआ? ब्रह्माजी कहने लगे कि जब भगवान विष्णु वहां से चले गए तो मैं देवी दुर्गा का…

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ब्रह्मा-विष्णु संवाद – दसवां अध्याय

ब्रह्माजी बोले: नारद ! काम के चले जाने पर श्री महादेव जी को मोहित कराने का मेरा अहंकार गिरकर चूर-चूर हो गया परंतु मेरे मन में यही चलता रहा कि…

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ब्रह्मा का शिव विवाह हेतु प्रयत्न – नवां अध्याय

ब्रह्माजी बोले: काम ने प्राणियों को मोहित करने वाला अपना प्रभाव फैलाया। बसंत ने उसका पूरा सहयोग किया। रति के साथ कामदेव ने शिवजी को मोहित करने के लिए अनेक…

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काम की हार – आठवां अध्याय

सूत जी बोले: हे ऋषियो! जब इस प्रकार प्रजापति ब्रह्माजी ने कहा, तब उनके वचनों को सुनकर नारद जी आनंदित होकर बोले- हे ब्रह्मन्! मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूं…

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संध्या की आत्माहुति – सातवां अध्याय

ब्रह्माजी कहते हैं: नारद! जब भगवान शिव देवी संध्या को वरदान देकर वहां से अंतर्धान हो गए, तब संध्या उस स्थान पर गई, जहां पर मुनि मेधातिथि यज्ञ कर रहे…

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संध्या की तपस्या – छठा अध्याय

ब्रह्माजी बोले: हे महाप्रज्ञ नारद! तपस्या की विधि बताकर जब वशिष्ठ जी चले गए, तब संध्या आसन लगाकर कठोर तप शुरू करने लगी। वशिष्ठ जी द्वारा बताए गए विधान एवं…

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संध्या का चरित्र – पांचवां अध्याय

सूत जी बोले: हे ऋषियो! नारद जी के इस प्रकार प्रश्न करने पर ब्रह्माजी ने कहा : मुने! संध्या का चरित्र सुनकर समस्त कामनियां सती-साध्वी हो सकती हैं। वह संध्या…

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काम-रति विवाह – चौथा अध्याय

नारद जी ने पूछा: हे ब्रह्माजी! इसके पश्चात क्या हुआ? आप मुझे इससे आगे की कथा भी बताइए। भगवन् काम और रति का विवाह हुआ या नहीं? आपके शाप का…

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कामदेव को ब्रह्माजी द्वारा शाप देना – तीसरा अध्याय

ब्रह्माजी ने कहा: हे नारद! सभी ऋषि-मुनि उस पुरुष के लिए उचित नाम खोजने लगे। तब सोच-विचारकर वे बोले कि तुमने उत्पन्न होते ही ब्रह्मा का मन मंथन कर दिया…

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शिव-पार्वती चरित्र – दूसरा अध्याय

सूत जी बोले ;- हे ऋषियो! ब्रह्माजी के ये वचन सुनकर नारद जी पुनः पूछने लगे। हे ब्रह्माजी! मैं सती और शंकरजी के परम पवित्र व दिव्य चरित्र को पुनः…

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सती चरित्र – पहला अध्याय

नारद जी ने पूछा :- हे ब्रह्माजी! आपके श्रीमुख से मंगलकारी व अमृतमयी शिव कथा सुनकर मुझमें उनके विषय में और अधिक जानने की लालसा उत्पन्न गई है। अतः भगवान शिव…

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महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि पूजा विधि: इस महान उत्सव पर भगवान शिव को समर्पित पूजा की सही विधि जानें। शिवलिंग की स्थापना, अभिषेक, बिल्व पत्र अर्पण, धूप-दीप दान, नैवेद्य, मंत्र जाप, आरती, और…

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Mahashivratri Images महाशिवरात्रि फोटो गैलरी

Mahashivratri Images महाशिवरात्रि फोटो गैलरी: महाशिवरात्रि के उत्साहजनक चित्रों के साथ यह उत्कृष्ट संग्रह देखें, जो दुनियाभर में भक्तों के उत्साह और भक्ति को प्रकट करते हैं। इस संग्रह में…

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महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के बीच अंतर

महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के बीच के मुख्य अंतर: भारतीय संस्कृति में त्योहारों का अपना एक खास स्थान है, जो न केवल सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखते हैं बल्कि आध्यात्मिक शिक्षाओं…

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